" पुट ऑफ इयूटी "
( 1 ) नियोजन प्राधिकारी अथवा कोई ऐसा प्राधिकारी , जिसके अधीनस्थ नियोजन प्राधिकारी है , अथवा कोई भी अन्य प्राधिकारी जिसे सरकार के सामान्य अथवा विशेष आदेश के माध्यम से इस प्रयोजनार्थ अधिकृत किया गया है , निम्नलिखित मामलों में ग्रामीण डाक सेवक को पुट ऑफ ड्यूटी कर सकता है ;
( क ) यदि उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जानी विचाराधीन है अथवा लंबित है ; अथवा
ख) यदि उसके विरुद्ध किसी आपराधिक मामले में जांच अथवा मुकदमा चल रहा है ।
यह इस शर्त के अध्यधीन है कि धोखाधड़ी अथवा गबन के मामले में , इन नियमों की अनुसूची में उल्लिखित किसी भी पद पर कार्यरत ग्रामीण डाक सेवक को , निरीक्षक ( डाक ) अथवा उप डिवीजन के सहायक अधीक्षक ( डाकघर ) , जैसा भी मामला हो , के द्वारा नियोजन प्राधिकारी को तत्काल सूचित करते हुए पुट ऑफ इयूटी किया जा सकता है ।
2 . जिन मामलों में संबंधित उप डिवीजन के निरीक्षक ( डाकघर ) अथवा सहायक अधीक्षक ( डाकघर ) नियोजन प्राधिकारी नहीं हैं , उनमें उप नियम ( 1 ) के तहत उनके द्वारा जारी किए गए आदेश , ऐसे आदेश जारी किए जाने की तारीख से 15 दिन पश्चात् निष्प्रभावी हो जाएंगे यदि नियोजन प्राधिकारी अथवा वह प्राधिकारी , जिसके अधीनस्थ नियोजन प्राधिकारी है , के द्वारा उक्त आदेशों को पहले ही संपुष्ट अथवा निरस्त न कर दिया गया हो ।
3 . पुट ऑफ ड्यूटी की अवधि के दौरान संबंधित ग्रामीण डाक सेवक , प्रतिमाह देय महंगाई भत्ते के साथ समय संबद्ध निरंतरता भत्ते के 25 प्रतिशत के समतुल्य अनुग्रह भुगतान की राशि प्रतिपूर्ति के रूप में प्राप्त करने का हकदार होगा ।
यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि जिन मामलों में पुट ऑफ ड्यूटी की अवधि 90 दिन से अधिक होगी , उनमें पुट ऑफ इयूटी करने संबंधी आदेश जारी करने वाला नियोजन प्राधिकारी अथवा इस प्रयोजनार्थ अधिकृत कोई भी अन्य प्राधिकारी , जैसा भी मामला हो , पहले 90 दिन की अवधि के बाद ( किसी भी अवधि के लिए ) प्रतिपूर्ति राशि में निम्नानुसार परिवर्तन हेतु सक्षम होगा :
4 . जिन मामलों में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है , जब इस नियम के अंतर्गत किसी जीडीएस को पुट ऑफ ड्यूटी कर उसे नियोजन से बर्खास्त करने अथवा हटाने की शास्ति के आदेश को इन नियमों के अंतर्गत अपील या समीक्षा की प्रक्रिया के दौरान रद्द कर दिया जाता है और ऐसे मामले को किन्हीं अन्य निर्देशों के साथ आगे और जांच या कार्रवाई के लिए वापस भेजा जाता है , उनमें पुट ऑफ ड्यूटी करने का आदेश नियोजन से बर्खास्तगी या हटाए जाने के मूल आदेश की तारीख से लागू माना जाएगा और तब तक लागू रहेगा , जब तक कि इस मामले में अन्य आदेश नहीं हो जाते ।
5 . जिन मामलों में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है , जब किसी ग्रामीण डाक सेवक को नियोजन से बर्खास्त करने या हटाने की शास्ति के आदेश को किसी न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया जाता है ( या किसी न्यायालयी निर्णय के परिणामस्वरूप यह निर्णय रद्द हो जाता है ) और अनुशासनिक प्राधिकारी , इस मामले की परिस्थितियों पर विचार करते हुए , इस संबंध में ग्रामीण डाक सेवक के विरुद्ध लगाए गए उन आरोपों , जिनके आधार पर उसके विरुद्ध नियोजन से बर्खास्त करने या हटाए जाने की शास्ति लगाई गई थी , की आगे और जांच का निर्णय लेता है , उनमें संबंधित जीडीएस को नियोजन प्राधिकारी द्वारा बर्खास्तगी या नियोजन से हटाए जाने की तारीख से पुट ऑफ ड्यूटी माना जाएगा और वह इस मामले में अगले आदेश आने तक पुट ऑफ इयूटी रहेगा ।
बशर्ते कि आगे और जांच करने का उक्त आदेश तब तक जारी नहीं किया जाएगा , जब तक कि किसी न्यायालय द्वारा मामले की मेरिट पर विचार किए बिना पूर्णत : तकनीकी आधार पर कोई आदेश जारी न कर दिया गया हो ।
टिप्पणी : - किसी जीडीएस को पुट ऑफ ड्यूटी पर रखने की अवधि ( पुट ऑफ ड्यूटी की मानित अवधि सहित ) के संबंध में निर्णय सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस संबंध में नए सिरे से कार्रवाई संपन्न किए जाने के बाद लिया जाएगा और संबंधित अवधि के लिए अनुग्रह भुगतान के रूप में प्रतिपूर्ति राशि का मामला उप नियम ( 3 ) के अंतर्गत किए गए प्रावधानों के द्वारा नियंत्रित होगा । किसी जीडीएस को पुट ऑफ ड्यूटी करने के परिणामस्वरूप हुए सेवा में व्यवधान ( ब्रेक ) का मामला केंद्र सरकार द्वारा इस प्रयोजनार्थ समय - समय पर जारी संगत नियमों के अंतर्गत नियंत्रित होगा ।
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